Saturday, December 13, 2008

आँखोंके आँसुवोंको आँखों में ही सुखा रहे है

आँखोंके आँसुवोंको आँखों में ही सुखा रहे है
इस दिल के दर्द को मुस्कराहट के आड़ में छिपा रहे है
गम हमें हमारे अपनोंसे मिला है
किसी को अपना बनाने का खता भी तो हम ही ने किया है

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