Thursday, January 03, 2008

महोब्बत के बदले में महोब्बत नहीं मिला
वफ़ा का सिला बस बेवफाई मिला
मैं भी जीत जाता महोब्बत में,
अगर पत्थारोंसे भी कभी फूल खिला करते!!

Wednesday, January 02, 2008

जानता था की इस महोब्बत में मुझे कुछ हासिल नहीं होगा,
इस तनहा दिल को कोई सहारा नहीं मिलेगा
रोक लेता अपने कदमोंको अगर मैं उन्हें रोक पाता
तुम्हारी दीवानगी थी सरपे बस इस दिल को समझा ना सका

याद

कोई हमें याद ना करे तो कोई गम नहीं
मगर याद दिलाने पर भी हम याद ना आये तो हम गिला किससे करे