महोब्बत के बदले में महोब्बत नहीं मिलावफ़ा का सिला बस बेवफाई मिलामैं भी जीत जाता महोब्बत में,अगर पत्थारोंसे भी कभी फूल खिला करते!!
जानता था की इस महोब्बत में मुझे कुछ हासिल नहीं होगा,
इस तनहा दिल को कोई सहारा नहीं मिलेगा
रोक लेता अपने कदमोंको अगर मैं उन्हें रोक पाता
तुम्हारी दीवानगी थी सरपे बस इस दिल को समझा ना सका
याद
कोई हमें याद ना करे तो कोई गम नहीं
मगर याद दिलाने पर भी हम याद ना आये तो हम गिला किससे करे